उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना में अहम बदलाव किए हैं | उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना लागू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्य में किसानों के उन परिवारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी, जिनकी खेतों में काम करते समय दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती हैं या जो विकलांग हो जाते हैं। मुआवजा तुरंत और सीधे किसानों के खाते में आए, इसके लिए भी नियमों को बदला गया है | इस योजना के तहत दूसरे के खेतों में काम करने वाले और फसल कटने के बाद फसल को साझा करने वाले बटाईदार को भी शामिल किया गया हैं। इस योजना में किसानों और उनके परिवार के 18-70 वर्ष की आयु के सदस्यों को कवर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का बदला नाम :
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना किया है इसी के साथ ही नियम और सुविधाओं में भी बदलाव किया गया है | अब नए नियमों के मुताबिक बीमाँ के वारिस के तौर पर किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हक दिया जायेगा, जो दूसरों के खेतो में कार्य करते है और फसल काटने के समय उसका आधा खेतों के मालिक को साझा करते है | इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे | पहले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था लेकिन अब नई व्यवस्था में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी इसके अंतर्गत लाभ दिया जायेगा | इस योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से दिया जायेगा |
आवेदन की शर्त :
दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन सहित जमा करना होगा | इसमें 1 महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन के बाद इस आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा
योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
अगर किसान का कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, तो उसकी बेटी (शादी भी हो चुकी हो) को इस योजना का लाभ दिया जायेगा |
पहली बार इस योजना में बटाईदारों को भी शामिल किया गया है |
हादसे के 45 दिनों के भीतर संबंधित परिवार को आवेदन देना होगा |
योजना के तहत बीमे की अधिकतम रकम 5 लाख रुपये होगी |
आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले किसान के बालिग (18 से 70 वर्ष) आश्रित को भी इसका लाभ मिलेगा |
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